
कोर्ट के आदेश पर मिला मुआवजा, डीन बोले– मरीज की गोपनीयता पर सख्त कदम उठाएंगे
रायपुर। राजधानी के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में नवजात शिशु के पास एचआईवी पॉजिटिव मदर” लिखी तख्ती लगाने के मामले में हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पीड़ित परिवार को 2 लाख रुपए का मुआवजा मेडिकल कालेज मैनेजमेंट द्वारा दे दिया गया है। कोर्ट के आदेश पर यह राशि संबंधित को दी गई है।
दरअसल, 10 अक्टूबर को मीडिया में एक फोटो छपा था, जिसमें रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में एक नवजात शिशु के पास तख्ती लगाई गई थी, जिस पर एचआईवी पॉजिटिव मदर ‘ लिखा हुआ था। मीडिया रिपोर्ट को हाईकोर्ट ने जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की, जिसमें मुख्य सचिव को जांच कर व्यक्तिगत शपथपत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही राज्य सरकार को बच्चे के माता-पिता को 2 लाख मुआवजा देने के आदेश दिए थे।
ये है पूरा मामला
मेकाहारा में 6 अक्टूबर को एक एचआईवी पॉजिटिव महिला ने बच्चे को जन्म दिया। मेडिकल स्टाफ ने बच्चे को पीआईसीयू में शिफ्ट किया। इसके बाद बड़े-बड़े बोल्ड अक्षरों में लिखा गया- HIV POSITIVE MOTHER । ये इतना बड़ा और बोल्ड लिखा हुआ था कि 100 मीटर दूरी से भी गुजरने वाले इसे पढ़ लें। ये चार्ट फिर उस बच्चे के नजदीक चस्पा कर दिया गया।
पीड़ित महिला ने पति को दी जानकारी
चार्ट 3 दिनों तक ऐसे ही लगा रहा। मां जब-जब बच्चे को दूध पिलाने जाती, ये बोर्ड उसे दिखता। वो समझ नहीं पा रही थी कि किया क्या जाए। 2 दिन बाद उसने बातों ही बातों में ये बात अपने पति को बताई। पति को पीआईसीयू के भीतर जाने की इजाजत नहीं थी।
वो बच्चे को सीधे नहीं देख सकता था। लेकिन 9 अक्टूबर को दरवाजा खुलने और बंद होने की प्रक्रिया में कुछ सेकेंड के लिए बनने वाले स्पॉट से देखा तो बच्चे के नजदीक ‘HIV POSITIVE MOTHER’ का चार्ट लगा हुआ था।
अदालत ने बताया अमानवीय घटना
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एचआईवी पॉजिटिव महिला मरीज की पहचान सार्वजनिक करने की घटना पर कड़ी नाराजगी जताई है। साथ ही मुख्य सचिव से व्यक्तिगत शपथपत्र मांगा है।मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की खंडपीठ ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कहा कि ‘यह कृत्य न केवल अमानवीय है बल्कि नैतिकता और निजता के अधिकार का घोर उल्लंघन भी है।’