केंद्रीय रेल मंत्री  सोनिक इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स हब का उद्घाटन किया और दो नई डोर-टू-डोर माल एवं पार्सल सेवाओं को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

सोनिक इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स हब डोर-टू-डोर लॉजिस्टिक्स और उर्वरक, खाद्यान्न, सीमेंट और ट्रैक्टर सहित निर्बाध कार्गो मूवमेंट की सुविधा देगा। किसानों तक ट्रैक्टर सुलभ मूल्य पर पहुँचेंगे

भारतीय रेल ने दिल्ली और कोलकाता के बीच आश्वस्त पारगमन कंटेनर ट्रेन सेवा तथा मुंबई–कोलकाता मार्ग पर डोर-टू-डोर पार्सल सेवा शुरू की।

 

नई डोर-टू-डोर रेल पार्सल सेवा ने सड़क परिवहन को पीछे छोड़ा – 7.5% लागत बचत और मुंबई–कोलकाता मार्ग पर 30% तेज़ पारगमन।

दिल्ली.

केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार 14 अक्टूबर को वर्चुअली सोनिक इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स हब का उद्घाटन किया और दो नई डोर-टू-डोर माल एवं पार्सल सेवाओं को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डोर-टू-डोर सेवाएँ देश के लिए अत्यंत आवश्यक हैं, क्योंकि इससे दक्षता बढ़ेगी और लॉजिस्टिक्स लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी। उन्होंने कहा कि अब उद्योगों को अपने गंतव्य तक पहुँचाने के लिए पूरा रेक भरने की आवश्यकता नहीं होगी, वे कुछ कंटेनर भी भेज सकेंगे। श्री वैष्णव ने जोड़ा कि फैक्टरियों और ट्रेनों के लोडिंग/अनलोडिंग पॉइंट्स के बीच का लॉजिस्टिक अंतर अब भारतीय रेल द्वारा डोर-टू-डोर सेवाओं के माध्यम से पूरा किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि माल गोदामों या लॉजिस्टिक्स टर्मिनलों को कंटेनरों की स्टफिंग और डी-स्टफिंग की सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, जिससे ग्राहक नई सेवा मॉडल का पूरा लाभ उठा सकेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सोनिक इस सुविधा की पेशकश करने वाला पहला इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स हब बन गया है। गति शक्ति कार्गो टर्मिनल पहल के तहत अब तक 115 टर्मिनल विकसित किए गए हैं, जो मल्टीमॉडल सेवाएँ प्रदान कर ग्राहकों को बड़ा लाभ दे रहे हैं।

मुंबई–कोलकाता कॉरिडोर से शुरुआत करते हुए, जल्द ही और सेवाएँ शुरू की जाएंगी ताकि सामानों की सुचारू आवाजाही और अधिक शहरों से संपर्क सुनिश्चित किया जा सके। मंत्री ने कहा कि एक और प्रयोग सफल रहा है—किसानों के लाभ के लिए ट्रैक्टर जैसे उपकरणों का सुलभ दरों पर परिवहन। जिस प्रकार कार कार्गो कुशलतापूर्वक स्थानांतरित किए जाते हैं, उसी प्रकार अब ट्रैक्टर और भारी निर्माण उपकरण (JCB) के लिए भी परिवहन सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ सतीश कुमार ने कहा कि डोर-टू-डोर डिलीवरी पहल रेल-आधारित लॉजिस्टिक्स में एक परिवर्तनकारी बदलाव है—जहाँ किसी कंसाइनी का माल सीधे गोदाम/फैक्ट्री से उठाया जाएगा और अंतिम गंतव्य तक भारतीय रेल द्वारा पहुँचाया जाएगा। विकसित भारत की लॉजिस्टिक्स दृष्टि के अनुरूप, यह पहल भारतीय रेल के माल वाहक से पूर्ण लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता बनने की दिशा में परिवर्तन का प्रतीक है।

यह उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मालवाहक है, जो प्रतिवर्ष 1.6 बिलियन टन सामान का परिवहन करता है।

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*लॉजिस्टिक्स हब/सेवाओं का विवरण*

1. रेलवे गुड्स शेड्स को इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स हब के रूप में (सोनिक, लखनऊ मंडल)

*रणनीतिक स्थान:*
यह टर्मिनल लखनऊ से लगभग 50 किमी और कानपुर से 20 किमी दूर स्थित है, जो राजधानी और एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के बीच सेतु का कार्य करता है।

*व्यापक सेवाएँ:*

यह कानपुर और लखनऊ क्षेत्र की बढ़ती लॉजिस्टिक्स आवश्यकताओं को पूरा करेगा, ग्राहकों को डोर-टू-डोर लॉजिस्टिक्स, कार्गो वितरण हब और इन्वेंटरी प्रबंधन सेवाएँ प्रदान करेगा।

*संचालन प्रबंधन* :

कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (कॉनकोर) सभी टर्मिनल संचालन का प्रबंधन करेगा और फर्स्ट एवं लास्ट माइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगा।

*कार्गो प्रोफाइल* :

यह टर्मिनल उर्वरक, खाद्यान्न, सीमेंट और ट्रैक्टर सहित विविध प्रकार की वस्तुओं को संभालने के लिए तैयार है।

*इंफ्रास्ट्रक्चर* :
अत्याधुनिक गोदाम, डोर-टू-डोर सेवाएँ तथा ग्राहकों और श्रमिकों के लिए आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।

2. आश्वस्त पारगमन कंटेनर ट्रेन सेवा (दिल्ली से कोलकाता)

*उद्देश्य एवं मार्ग* :

यह प्रीमियम सेवा सुनिश्चित पारगमन समय की गारंटी देती है और सड़क परिवहन का विश्वसनीय विकल्प प्रदान करती है। मार्ग: दिल्ली – आगरा – कानपुर – कोलकाता।

*मुख्य सेवा पैरामीटर:*

· *आश्वस्त पारगमन समय* : 120 घंटे।

· *आवृत्ति* : सप्ताह में दो बार प्रस्थान (प्रत्येक बुधवार और शनिवार)।

*संचालन* :
सेवा में मध्यवर्ती टर्मिनलों (तुगलकाबाद- दिल्ली, आगरा, कानपुर (ICDG साइडिंग) और कोलकाता (ICDG साइडिंग)) पर लोडिंग और अनलोडिंग (लिफ्ट ऑन/लिफ्ट ऑफ) संचालन शामिल हैं, जहाँ मानक ठहराव समय 6 घंटे है।

*लचीला बुकिंग* :

ग्राहक अपनी सप्लाई चेन आवश्यकताओं के अनुसार कई विकल्प चुन सकते हैं – डोर-टू-डोर, डोर-टू-टर्मिनल, टर्मिनल-टू-डोर और टर्मिनल-टू-टर्मिनल।

*डिजिटल एकीकरण:* इस आश्वस्त पारगमन सेवा के लिए फर्स्ट माइल और लास्ट माइल सेवाओं की बुकिंग और प्रबंधन उपयोगकर्ता अनुकूल कॉनकोर ई-लॉजिस्टिक्स मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जा सकता है।

3. रेल पार्सल वैन के माध्यम से डोर-टू-डोर पार्सल सेवा (मुंबई से कोलकाता)

सेवा मॉडल: यह एकीकृत सेवा तीन हिस्सों में बंटी है –
· *फर्स्ट माइल* :
कॉनकोर के प्रमाणित बिजनेस एसोसिएट्स द्वारा।

· *मिडिल माइल:*
मुख्य परिवहन भारतीय रेलवे की पार्सल ट्रेन सेवा द्वारा, जिसका रनटाइम 48 से 60 घंटे है।
· *लास्ट माइल:* अंतिम डिलीवरी फिर से कॉनकोर के बिजनेस एसोसिएट्स द्वारा।

*पायलट मार्ग एवं ग्राहक:*

सेवा फिलहाल मुंबई (भिवंडी रोड) से कोलकाता (सांकरेल) मार्ग (1930 किमी) पर चालू है। यह कैस्ट्रॉल इंडिया (ल्यूब ऑयल), वीआईपी इंडस्ट्रीज (बैग), गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (रेफ्रिजरेटर एवं कंज्यूमर ड्यूरेबल्स) और नेस्ले (एफएमसीजी उत्पाद) जैसे प्रमुख ब्रांड्स की खेप को सफलतापूर्वक संभाल रही है।

इंफ्रास्ट्रक्चर सहयोग:

मुंबई और कोलकाता हब पर 5400 CFT का विशाल कार्गो भंडारण केंद्र उपलब्ध है।

*लागत व समय की बचत:*

सड़क परिवहन की तुलना में रेल पार्सल सेवा से लॉजिस्टिक्स लागत में 7.5% की कमी आती है और पारगमन समय लगभग 30% तेज़ है।

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