जेडी और तत्कालीन डीईओ की तानाशाही का खामियाजा भुगत रहे शिक्षक

अभ्यावेदन डीपीआई में लंबित, शिक्षक निलंबन के कगार पर

जांजगीर युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में दिवाली के ठीक पहले शासन द्वारा कार्रवाई संबंधी आदेश से शिक्षकों व परिजनों में रोष व्याप्त है। एक ओर शासन ने 7 जुलाई 2025 को युक्तियुक्तकरण से असंतुष्ट शिक्षकों के अभ्यावेदनो के निराकरण हेतु समिति गठित की गई है। जिस पर शिक्षकों के अभयवेदनों का निराकरण संचालक एवं राज्य स्तर पर नहीं किया गया है। कई माह से शिक्षक न्याय के इंतजार में भटक रहे हैं।

वहीं कई शिक्षक बेकडोर से अपना काम निकालने में सफल रहे हैं। इन सब अनियमितताओं में बिलासपुर शिक्षा संभाग के संयुक्त संचालक की संदिग्ध भूमिका रही है। संभाग में कई ऐसे प्रकरण देखने को मिल जाएंगे जिसमें नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई गई है संभाग स्तरीय समिति द्वारा निराकरण में शिक्षकों के अभ्यावेदन में उच्च न्यायालय का हवाला दिया गया है जो उच्च न्यायालय ही नहीं गए हैं और उन्हें उच्च न्यायालय का उल्लेख करते हुए गलत तरीके से राहत दी गई है। संभागीय समिति द्वारा जारी कई आदेशों में हाईकोर्ट के प्रकरण क्रमांक गलत लिखा गया है या लिखा ही नहीं गया है। वहीं कला के शिक्षक को हिंदी माने जाने के विरोध में अभ्यावेदन देने वाले कुछ लोगों को राहत दी गई है वहीं कई लोगों को ऐसी ही स्थिति राहत नहीं मिली है। जेडी द्वारा सुविधा संतुलन के हिसाब से और अपने करीबियों को लाभ दिया गया है। इससे प्रभावित शिक्षकों में भारी रोष है। स्कूलों में पढ़ाई अलग प्रभावित हो रही है ।शिक्षक और विद्यार्थियों के हित को देखते हुए डीपीआई में अभ्यावेदनो की सुनवाई किए जाने और गलत आदेश पारित करने पर जेडी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग उठने लगी है। इसी प्रकार जांजगीर जिले में 182 अतिशेष शिक्षक अपने मूल मूल विद्यालय में पदस्थ हैं जबकि 25 महिला शिक्षक 50 किमी दूर एकतरफा आदेश कर पदस्थ होने पर परेशान हैं। इधर प्रभावित शिक्षकों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है ऐसे में क्या करें किसी के पास इसका जवाब नहीं है।

नाकाम जिला प्रशासन
जिले के 109 शिक्षकों को बाहर भेजा गया है इसके बाद भी जिला प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है जिला प्रशासन की उदासीनता और नाकामी की भी चर्चा है।
अभी जिले में 110 पद खाली
जांजगीर चाम्पा जिले के शिक्षकों को अतिशेष बता कर दूसरे जिले भेज दिया गया है जबकि इसी जिले में अभी शिक्षकों के 110 पद खाली है, 48 शिक्षकों ने अभी तक ज्वाइन नहीं किया है, 27 सहायक शिक्षकों और 7 व्याख्याताओं ने भी अभी तक ज्वाइन नहीं किया है

डीईओ ने किया है मना जानकारी देने से

पढ़िए आदेश की कॉपी

अतिशेष शिक्षकों और रिक्त पदों की जानकारी लेने के जांजगीर जंक्शन. कॉम की टीम ने डीईओ अशोक सिन्हा से संपर्क करने का प्रयास किया पर वे शुक्रवार को दफ्तर में नहीं मिले इसके बाद सम्बंधित क्लर्क गोवर्धन कश्यप से जानकारी मांगी गई तो उसने बताया कि वह कोई जानकारी नहीं दे सकता क्योंकि डीईओ ने जानकारी देने से मना किया है

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