22 सितंबर को किया आलोक शुक्ला ने किया था सरेंडर, दिल्ली में हुई पूछताछ
रायपुर
छत्तीसगढ़ के नान घोटाला केस के आरोपी रिटायर्ड आईएएस आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को स्पेशल कोर्ट से जमानत मिल गई है। दोनों ने 22 सितंबर को ईडी कोर्ट में सरेंडर किया था। कोर्ट ने दोनों को 16 अक्टूबर तक ईडी की कस्टोडियल डिमांड पर भेजा था। रिमांड खत्म होने के बाद दोनों को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही दोनों रिटायर्ड अधिकारियों को बेल दे दी थी। अब 7 दिसंबर को ईडी अपनी चार्जशीट पेश करेगी। इसके बाद कोर्ट में आगे की कार्रवाई शुरू होगी।नागरिक आपूर्ति निगम में चावल, नमक सहित खाद्य पदार्थों के परिवहन और भंडारण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई थीं। इन शिकायतों के आधार पर एसीबी और ईओडब्ल्यू ने 12 फरवरी 2015 को नान मुख्यालय और 28 अन्य स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान नान के रायपुर स्थित मुख्यालय से पौने 2 करोड़ रुपए से ज्यादा नगदी बरामद हुई। जांच पूरी होने के बाद एसीबी ने नान के मैनेजर समेत 16 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया। दो पूर्व आईएएस आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा के खिलाफ केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद पूरक चालान पेश किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था ?
नान घोटाला केस में पूर्व आईएएस आलोक शुक्ला को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन ईडी ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। ईडी ने कोर्ट में बताया कि आरोपियों ने 2015 में दर्ज नान घोटाला मामले और जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी। जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने सुनवाई के बाद हाईकोर्ट से आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को मिली अग्रिम जमानत को रद्द कर दी थी। कोर्ट ने ईडी की कस्टडी के लिए आदेश जारी किया। कोर्ट ने कहा कि 4 हफ्ते तक ईडी की हिरासत में रहना होगा। इसके बाद ही उन्हें जमानत मिल सकेगी।